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" मुसाफिर हूं,एक दिन चला जाऊंगा" मै खुद अपना भी नहीं, कि रुक भी जाऊं। तुम कहो फिर भी,मै कर न पाऊं। तुम्ही बताओ तुम्हे,इतना लाचार क्यों बनाऊं, प्रकृति का हूं ...